Education

बोर्ड परीक्षाओं में कैसे पाएं अधिकतम अंक

आपको पढ़ाई के लिए निर्धारित किए गए समय की एक सारिणी बनानी चाहिए। उस समय-सारिणी में प्रत्येक विषय के लिए एक निश्चित समय आवंटित करना चाहिए।

बोर्ड की परीक्षाओं की परीक्षा तिथि आते ही सामान्यत: चारों ओर विद्यार्थियों में मानसिक दबाव बढ़ जाता है तथा विद्यार्थियों में अधिक-से-अधिक अंक लाने की होड़ मच जाती है। आज के प्रतियोगिता भरे युग में पाठ्यक्रम पूरा करना और अच्छे अंकों से पास होना किसी युद्ध से कम नहीं रह गया है। यदि आपको ये युद्ध जीतना है तो इसके लिए पहले से रणनीति बनाने और उसके अनुरूप अपने को तैयार करने की आवश्यकता है।
साधारणतया सही मार्गदर्शन के अभाव में विद्यार्थी ठीक ढंग से तैयारी नहीं कर पाते हैं और परीक्षा का समय नजदीक आते ही उनकी चिन्ता और घबराहट बढ़ने लगती हैं।

1. काम को टालना

यदि आप सफल होना चाहते हो, तो अपने कार्यों को टालने की आदत को त्याग दें। जो कार्य आवश्यक है उसे उसी समय पर कीजिए। आपको कल के काम को आज और आज के काम को अभी करने की आदत डालनी चाहिए। जो पाठ कल पढ़ना है उसे आज ही पढ़ने की कोशिश कीजिए।

2. उपयुक्त स्थान को चुनना

पढ़ाई करने हेतु एक उपयुक्त एवं शान्त स्थान को चुनना बहुत ही जरूरी है। पढ़ाई का स्थान ऐसा होना चाहिए जहाँ पर पूरी एकाग्रता और शान्त मन से बैठकर पढ़ा जा सके। यदि आपका घर छोटा हो या घर में ऐसा कोई उपयुक्त स्थान न हो तो घर के बाहर किसी शान्त स्थान; जैसे–किसी दोस्त के घर पर या किसी पुस्तकालय में जाकर पढ़ना चाहिए।

3. समय-सारिणी बनाना

आपको पढ़ाई के लिए निर्धारित किए गए समय की एक सारिणी बनानी चाहिए। उस समय-सारिणी में प्रत्येक विषय के लिए एक निश्चित समय आवंटित करना चाहिए। एक सही समय-सारिणी बनाने पर ही आप प्रत्येक विषय पर सही तरीके से ध्यान दे पाएँगे। समय-सारिणी बनाने के बाद उसका पालन अवश्य करना चाहिए।

4. कार्यों का विभाजन करना

जब हम कोई भी कार्य करना प्रारम्भ करते हैं, तो शुरुआत में बहुत कठिन तथा असम्भव लगता है इसलिए कार्य को छोटे-छोटे टुकड़ों में बाँट देना चाहिए। आप लोग किसी भी अध्याय को छोटे-छोटे भागों में बाँटकर अध्ययन करें। इस प्रकार पढ़ना आसान और रुचिकर हो जाता है।

5. मुख्य तथ्यों को रेखांकित करना

जब भी आप पढ़ाई करने बैठें तो अपने साथ एक पेंसिल या पेन अवश्य रखें। यदि आपको कोई महत्त्वपूर्ण नाम, तिथि, स्थान या वाक्य दिखाई दे तो उसे तुरंत रेखांकित कीजिए। इस तरह से पाठ को पुन: दोहराते (Revision) समय आपको काफी मदद मिलेगी।

6. पर्ची का प्रयोग करना

पढ़ते समय किसी विशेष तथ्य को लिखने के लिए आप छोटे-छोटे साइज की पर्चियों का प्रयोग कीजिए। ये पर्चियाँ आपको दोहराते (Revision) समय काफी मददगार सिद्ध होंगी। आपसे आग्रह है कि इन पर्चियों का उपयोग परीक्षा के समय नकल (Cheat notes) के रूप में न करें।

7. संसाधनों का प्रयोग करना

पढ़ाई हेतु उपलब्ध सभी संसाधनों (Resources) का अधिक-से-अधिक प्रयोग करना चाहिए। आप पुस्तकों को ध्यान से पढ़ें, पुस्तकालय नियमित रूप से जाएँ, अपने अध्यापकों और अभिभावकों (माता, पिता, भाई, बहन आदि) से सहायता लें, दोस्तों और सगे-सम्बन्धियों से मदद माँगें, टेलीविजन और इण्टरनेट आदि सभी उपलब्ध संसाधनों का सकारात्मक सोच के साथ अपनी पढ़ाई के लिए प्रयोग करें।

8. प्रश्नों के उत्तर खोजना

यदि आपके मन में कोई प्रश्न है या किसी का उत्तर आपको समझ में नही आ रहा है तो नि:संकोच अपने अध्यापक या अभिाभावक से सहायता लें। हो सकता है कि ज्यादा या बार-बार प्रश्न पूछने पर आपके अध्यापक या अभिभावक आपको डाँट दें, परन्तु आप इसका बुरा न मानें।

9. लक्ष्य को निर्धारित करना

पाठ्यक्रम को पूरा करने हेतु एक निश्चित लक्ष्य निर्धारित कीजिए। आप कौन-सा अध्याय या किताब कितने दिनों में खत्म करना चाहते हैं, कौन-से विषय पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है अथवा अपने मनपसंद महाविद्यालय में नाम लिखाने के लिए कितने प्रतिशत अंकों की जरूरत होगी। इस तरह अपनी पढ़ाई के लक्ष्यों को तय करना अति आवश्यक है। यदि आप प्रत्येक सप्ताह, महीने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए पढ़ाई करेंगे तो परीक्षा के समय में बिना घबराहट के सही ढंग से परीक्षा की तैयारी कर पाएँगे।

10. शरीर को स्वस्थ रखना

आपका शरीर जितना स्वस्थ होगा उतने ही आप सक्रिय और आत्मविश्वास से भरे रहेंगे, क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मन विकास करता है, इसलिए आप सुबह उठें और टहलने के लिए जाएँ तथा अपने सामथ्र्य के अनुसार व्यायाम करें।

11. संतुलित भोजन करना

एक व्यक्ति जैसा अन्न खाता है वैसा ही उसका मन और शरीर हो जाता है। आप संतुलित भोजन कीजिए। भोजन का सही तरीका है कि आप सुबह का नाश्ता भारी, दोपहर का भोजन उससे हल्का और रात का भोजन उससे भी हल्का कीजिए। यदि सम्भव हो तो रात में एक गिलास गाय का दूध अवश्य लें।

12. बुद्धिवर्धक तकनीकों का प्रयोग करना

यदि आप किन्हीं बुद्धिवर्धक तकनीकों (Memory Important Techniques) के बारे में जानते हैं या आपने इन्हें कहीं से सीखा है, तो इनका प्रयोग अपनी पढ़ाई में अवश्य कीजिए। ये तकनीकें बहुत ही वैज्ञानिक और परिणामदायक होती हैं।

13. ज्ञानेन्द्रियों का प्रयोग करना

अपनी पाँचों ज्ञानेन्द्रियों (आँख, कान, नाक, जीभ, त्वचा) का प्रयोग अपनी पढ़ाई में कीजिए। पुस्तकों में छपे मानचित्रों और चार्ट्स आदि को ध्यान से देखें और मनन करें। यदि सम्भव हो तो लैब में जाकर अभ्यास (Practise) कीजिए।

14. खेलकूद एवं मनोरंजन हेतु समय निकालना

एक विद्यार्थी के सर्वांगिक विकास हेतु यह आवश्यक है कि उसे पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और अपने मनोरंजन के लिए भी समय निकालना चाहिए। खेलकूद से शारीरिक विकास होता है तथा मनोरंजन से मस्तिष्क तनावमुक्त होता है।

Leave a Reply