राहें और भी हैं…..
10+2 से गुजरने के बाद प्राय: बच्चे नहीं जानते कि भावी जीवन में उनकी राह क्या होगी? उन्हें अपने लक्ष्य का पता नहीं होता और कई वर्ष तक उनका जीवन भ्रम व दुविधा में नष्ट हो जाता है।
आज का युग ज्ञान, विज्ञान और तकनीकी से परिपूर्ण है। विविध विषयों के पुस्तकीय अध्ययन से बच्चे ज्ञान-विज्ञान में समृद्ध होते हैं किन्तु संचित ज्ञान को व्यावहारिक, प्रायोगिक तथा जीवनोपयोगी बनाने के लिए अन्य बहुत से पहलुओं पर विचार करना समीचीन है। बहुधा देखने में आता है कि घोर परिश्रम से अर्जित ज्ञान परीक्षा के उपरान्त बन्दूक का चला हुआ एक अनुपयोगी कारतूस भर है। उत्तम प्रकृति का ज्ञान वह है जिसे सीखकर स्वयं अपने तथा समाज के कल्याण हेतु अधिकाधिक उपयोग किया गया है। शिक्षा का वास्तविक स्वरूप यही है।
10+2 से गुजरने के बाद प्राय: बच्चे नहीं जानते कि भावी जीवन में उनकी राह क्या होगी? उन्हें अपने लक्ष्य का पता नहीं होता और कई वर्ष तक उनका जीवन भ्रम व दुविधा में नष्ट हो जाता है। लक्ष्यविहीन जीवन में निराशा, हताशा, चिन्ता व तनाव घर कर जाते हैं और पढ़ाई-लिखाई से मन खिन्न हो जाता है। इस लेख के माध्यम से हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों के अच्छे भविष्य के निर्माण सम्बन्धी जानकारी देना है।
बारहवीं उत्तीर्ण कला के विद्यार्थी क्या करें?
देखने में आया है कि कला विषयों के साथ बारहवीं पास करने वाला बच्चा दूसरे लोगों की बातें सुनकर या खुद दु:खी होकर सोचता है कि मैंने ‘आर्ट्स’ ले ली इसलिए मेरा भविष्य तो कुछ नहीं रहा, अँधेरे से भरा है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है और ऐसे बच्चों को निराश होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। निश्चयपूर्वक, इसमें सन्देह नहीं है कि हमारा समाज विज्ञान एवं वाणिज्य पढ़ने वालों को प्राथमिकता देता है किन्तु कला के विद्यार्थियों को वैसी महत्ता नहीं मिलती। कला पढ़ने वाले बच्चों के पास ऐसी अनेक राहें हैं। कला के विद्यार्थियों के पास पर्याप्त और अच्छा कैरियर स्कोप होता है। सच्चाई तो यह है कि कला के क्षेत्र में जितने अवसर हैं उतने अन्य क्षेत्रों में हैं ही नहीं। इनसे बच्चे अपने भविष्य को सँवार सकते हैं।
- कला स्नातक (B.A. ) : तीन वर्षों की स्नातक उपाधि दो तरह की है, साधारण B.A. डिग्री या B.A.Hons.। क्षेत्रीय भाषा में B.A. करने के लिए हिन्दी, अंगे्रजी, पंजाबी, राजनीति विज्ञान, इतिहास, भूगोल और बिजनेस स्टडी आदि। इन्हें पास करके आप SSC, Bank, Railway एवं अन्य सरकारी जॉब पा जायेंगे। B.Ed करके आप शिक्षण व्यवसाय में TGT के अधिकारी हो जायेंगे और M.Ed., Ph.D. एवं UGC NET पेपर उत्तीर्ण कर कॉलेज प्रवक्ता बन सकते हैं।
- कला स्नातक- विधि स्नातक B.A.-LLB) : इस कोर्स में आपको कला के साथ विधि (Law) पढ़ना होगा। पहले तीन सालों में इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान आदि के बाद शेष दो सालों में विधि शास्त्र के अन्तर्गत International/ Labor/Corporate /Administrative व Criminal Law आदि पढ़ने होंगे। यह कोर्स करके आप अधिवक्ता बन सकेंगे।
- शिक्षक-प्रशिक्षण (B.Ed) : 10+2 के बाद यह कोर्स सर्वाधिक लोकप्रिय है जिसके बाद एकीकृत B.Ed या B.El.Ed या B.P.Ed. में प्रवेश ले सकते हैं। बी०एड० करने के बाद सरकारी व गैर-सरकारी दोनों प्रकार के स्कूलों में नौकरी प्राप्त की जा सकती है।
- होटल प्रबन्धन (Hotel Management) : तीन वर्ष का कोर्स करके आप आतिथ्य सत्कार से जुड़े क्षेत्र जैसे होटल व रस्टोरैण्ट आदि में जॉब पा सकते हैं। फिर अपनी कुशलता के आधार पर आपको छोटे-बड़े सभी होटलों में नौकरी मिल जायेगी।
- व्यापार प्रशासन स्नातक (B.B.A, B.M.S. & B.H.M.) : आमतौर पर B.B.A. को वाणिज्य के विद्यार्थियों के लिए माना जाता है किन्तु कला पक्ष वाले विद्यार्थी भी इसे ग्रहण कर सकते हैं। त्रिवर्षीय इस कोर्स को पूरा करने के उपरान्त आप किसी भी व्यापारिक संगठन के अन्तर्गत प्रशासनिक जॉब पाने के अधिकारी हैं।
- पत्रकारिता एवं जनसंचार माध्यम (Journalism & Mass Communication) : 21वीं शताब्दी में पत्रकारिता एवं जनसंचार माध्यम का विशिष्ट महत्त्व है। पत्रकारिता आज मानव सभ्यता की तीसरी शक्ति है। विगत दो दशक से जनसंचार एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। करीब 700 न्यूज चैनल्स और हजारों अखबार वर्तमान में भारत में कार्यरत हैं जिन्हें पत्रकारों तथा रिपोटर्स की पर्याप्त आवश्यकता होती है। इसलिए इस क्षेत्र से सम्बन्धित डिग्री या डिप्लोमा लेना रोजगार की दृष्टि से लाभकारी है। समूचे भारत में पत्रकारिता एवं जनसंचार माध्यम में डिग्री/डिप्लोमा प्रदान करने वाले बहुत अच्छे कॉलेज विद्यमान हैं।
- फैशन डिजाइनिंग (Fashion Designing) : चार वर्षीय फैशन डिजाइनिंग वाले इस कोर्स के लिए कॉलेज या संस्थान कम संख्या में विद्यमान हैं। रोजगार की दृष्टि से कोर्स अच्छा है। इसे पूरा करके प्रशिक्षित युवक-युवतियाँ कपड़ों की डिजाइनिंग करके उन्हें बेचने का काम कर सकते हैं। आधुनिक जमाने में यह कोर्स आकर्षक है और महत्त्वपूर्ण भी।
- फाइन आर्ट्स के स्नातक (B.F.A.) : यह बी०ए० की तरह तीन साल का एक प्रोफेशनल कोर्स है। रचनात्मक कार्यों में कुशल वे सभी बच्चे जो अलग हटकर कार्य करते हैं, इस प्रोफेशनल कोर्स के लिए अच्छे रह सकते हैं। Dancing /Painting/Photography सीखकर बच्चे कम्पनियों के चक्कर काटने से अच्छा स्वरोजगार में रत हो सकते हैं।
- ग्राफिक डिजाइनिंग एवं एनीमेशन (Graphic Designing & Animation) : एनीमेशन में रुचि रखने वाले युवक-युवतियाँ ग्राफिक डिजाइनिंग के कोर्स का प्रशिक्षण ले सकते हैं। तीन-चार साल का कोर्स पूरा करके इसकी डिग्री मिल जाती है। इस कोर्स के लिए लगभग दर्जन भर संस्थान सुलभ हैं। ग्राफिक्स व एनीमेशन में प्रशिक्षित युवाओं के लिए चलचित्र में अवसर रहते हैं। प्रयासों के द्वारा महान सफलता भी प्राप्त की जा सकती है।
- घटना प्रबन्धन (Event Management) : घटना प्रबन्धन से सम्बन्धित कोर्स जॉब पाने के लिए अच्छा कोर्स है। इस कोर्स की अवधि तीन वर्ष की है। हालाँकि अन्यों की तुलना में यहाँ जॉब्स की गिनती काफी कम होती है।
यद्यपि लक्ष्य पाने के रास्ते कठिनाई से भरे हैं तथापि लक्ष्य निर्धरित करने के अतिरिक्त कुछ है भी तो नहीं। बड़ी कामयाबी मिलना असम्भव नहीं है।
इस भाँति, कोर्स से सम्बद्ध उपरोक्त सूची 10+2 पास करने वाले कला विद्यार्थी को अच्छे, रुचिकर व रोजगारपरक व्यवसाय सुझाती है। यद्यपि लक्ष्य पाने के रास्ते कठिनाई से भरे हैं तथापि लक्ष्य निर्धरित करने के अतिरिक्त कुछ है भी तो नहीं। बड़ी कामयाबी मिलना असम्भव नहीं है आवश्यकता है दृढ़ इच्छाशक्ति यानी चाह और भरपूर लगन के साथ सही दिशा में घोर परिश्रम पर आधारित अनवरत प्रयास करने की। इस संकल्प के साथ 10+2 करने वाले कला शिक्षार्थी प्रत्येक दशा में सुधार व अभीष्ट विकल्प पा सकेंगे और अपने लक्ष्य को छू लेंगे। किसी ने कहा है: ‘और भी हैं राहें, अगर आप चाहें।’
‘’उठो, जागो और लक्ष्य-प्राप्ति तक निरन्तर आगे बढ़ते जाओ।”