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रसायन विज्ञान और हमारा जीवन

मानव जीवन में रसायन विज्ञान का महत्त्वपूर्ण योगदान है। मानव जाति के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए रसायन विज्ञान का विकास अनिवार्य है। यह तभी संभव होगा जब कि मानव जाति इस विज्ञान के प्रति आकर्षित होगी।

रसायनशास्त्र विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत पदार्थों के संघटन, सरंचना गुणों तथा रासायनिक प्रतिक्रियाओं के दौरान इनमें हुए परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। एंटोनी लेवोशियर को रसायन विज्ञान का जनक कहा जाता है। रसायन विज्ञान की शाखाओं में कार्बनिक रसायन, अकार्बनिक रसायन, भौतिक रसायन एवं जीव रसायन प्रमुख हैं।
मानव जीवन में रसायन विज्ञान का महत्त्वपूर्ण योगदान है। मानव जाति के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए रसायन विज्ञान का विकास अनिवार्य है। यह तभी संभव होगा जब कि मानव जाति (आमजन) इस विज्ञान के प्रति आकर्षित होगी। मानव जीवन को आरामदायक बनाने में रसायन विज्ञान ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जहाँ भी देखते हैं रसायन विज्ञान के ही नजारे दिखाई देते हैं। वैज्ञानिकों ने हमारे जीवन को रासायनिक क्रियाओं की संज्ञा दी है। दैनिक उपयोग की चीजें जैसे- साबुन, अपमार्जक (डिटर्जेंट्स), टूथपेस्ट, शीशा, कागज, स्याही, प्लास्टिक, कपड़े, पेंट्स, कीटनाशक, सौन्दर्य प्रसाधन, दवाइयाँ आदि रसायन विज्ञान की ही देन हैं। भोजन को पकाने के लिए सिलेण्डर में प्रयोग की जाने वाली गैस (Liquid Petroleum Gas) ब्यूटेन, प्रोपेन तथा गंधयुक्त थायोऐल्कोहॉल आदि रसायनिक यौगिकों का मिश्रण होता है। चिकित्सा विज्ञान की प्रगति रसायन विज्ञान की ही देन है, जैसे-एण्टीबायोटिक (ऐस्प्रीन), एण्टीसैप्टिक (फिनाइल, डेटॉल), पैस्टीसाइड (जिप्सम, गंधक) आदि। नमक (NaCl), सेंधा नमक, खाने का सोडा (NaHCO₃), नींबू में सिट्रिक अम्ल, सिरका (CH₃COOH), तथा टूथपेस्ट का मुख्य घटक Al2O3 इत्यादि तरह-तरह के रसायन घरों में बहुधा प्रयुक्त होते हैं।

कार्बनिक रसायन (Organic Chemistry)

कार्बनिक रसायन, रसायन विज्ञान की एक महत्त्वपूर्ण शाखा है, क्योंकि इसकी सहायता से जीवन से जुड़ी समस्त रासायनिक क्रियाओं की जानकारी प्राप्त होती है जो यौगिक कार्बन, हाइड्रोजन तथा अन्य तत्वों से मिलकर बने होते हैं, कार्बनिक यौगिक कहलाते हैं। रसायन विज्ञान का कार्बनिक क्षेत्र बहुत जीवनोपयोगी है। इसके माध्यम से जीवन-निर्वाह में आशातीत सफलता प्राप्त की जा सकती है। जैसे- chemists, chemical engineers, pharmacologist, dentist तथा doctor बनकर।

कार्बनिक रसायन का इतिहास

बर्जीलियस के अनुसार-वे पदार्थ जो जन्तुओं तथा पेड़-पौधों से प्राप्त होते हैं, कार्बनिक पदार्थ कहलाते हैं। माइकल इजीन चेब्रूल ने सबसे पहले प्राकृतिक (जीवों) से प्राप्त पदार्थों द्वारा बनाये गये वसा अम्लों तथा क्षारों द्वारा कई तरह के साबुन बनाये। ये सबसे पहले निर्मित कार्बनिक पदार्थ थे। फ्रेडरिक वुहलर ने प्रयोगशाला तकनीक का प्रयोग करते हुए अकार्बनिक पदार्थ से यूरिया (NH2-CO-NH2) का संश्लेषण किया था। यूरिया प्रयोगशाला में बनने वाला पहला कार्बनिक यौगिक है।
क्या कार्बनिक रसायन आपके लिए कठिन है? यदि ‘हाँ’ तो शायद आप सही नहीं सोच पा रहे हैं। सच यह है कि कार्बनिक रसायन, रसायन विज्ञान का सबसे तार्विâक खंड है तथापि कार्बनिक रसायन को सरल बनाने और कार्बनिक रसायन विज्ञान में महारथ हासिल करने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण सुझावों पर चर्चा करेंगे। ये निम्न प्रकार है:-

  1. यौगिक की संरचना के बारे में जानकारी: कार्बनिक रसायन में यौगिकों को उनकी संरचना के आधार पर व्यवस्थित किया जा सकता है। बॉन्ड लाइन आरेख के बारे में सभी परमाणुओं की पहचान करना सीखें जैसे C6H10 साइक्लोहैक्सीन तथा C6H6 या बेन्जीन। इससे स्पष्ट हो जाता है कि कार्बनिक यौगिक का कौन-सा भाग अभिक्रिया में सक्रिय होगा। विभिन्न परमाणुओं के संकरण (जैसे-sp, sp2, sp3d2 आदि) को समझें।
  2. इलेक्ट्रोफिलिक तथा न्यूक्लियोफिलिक अभिक्रिया की जानकारी: अम्ल-क्षार प्रतिक्रिया अम्ल, क्षार की लुईस अवधारणा कार्बनिक रसायन में बहुत-सी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाती हैं, इन्हें इलेक्ट्रोफाइल (इलेक्ट्रानस्नेही) तथा न्यूक्लियोफाइल (नाभिक-स्नेही) भी कह सकते हैं। यदि नाभिक-स्नेही तथा इलेक्ट्रॉन स्नेही का अनुमान लगा सकते हैं तो अभिक्रिया में होने वाली अभिक्रिया के द्वारा सरलता से उत्पाद प्राप्त किया जा सकता है। (अपचामक अभिकर्मक)
  3. पाठ्यक्रम को ध्यानपूर्वक समझना: कार्बनिक रसायन के पाठ्यक्रम में कुछ पहुलओं को याद रखने की आवश्यकता होती है, जैसे क्रियात्मक समूहों की वरीयता श्रेणी, IUPAC नामकरण, अभिकर्मक का नाम व गुण यौगिकों के ऐरोमैटिक व ऐलीफैटिक गुण तथा ऐरोमैटिक यौगिकों का दैशिक प्रभाव।
  4. महत्त्वपूर्ण अभिकर्मकों की सारणी: कार्बनिक रसायन में कुछ अभिकर्मक पाये जाते हैं जैसे-LiAlH₄, NaBH4, LDA, ZnBH3 जॉनस अभिकर्मक (K2Cr2O7 in H2SO4), MnO₂ (ऑक्सीकारक अभिकर्मक) तथा कुछ अन्य अभिकर्मक की सूची बनाकर उन्हें याद करें तथा इनके गुणों को भी याद करें।
  5. रसायनशास्त्र सीखने के लिए NCERT के सभी प्रश्नों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना चाहिए तथा पिछले साल के पेपरों का भी अभ्यास करना चाहिए।
  6. कार्बनिक रसायन में होने वाली रासायनिक अभिक्रिया को उसके संश्लेषण के आधार पर समझना चाहिए तथा रासायनिक अभिक्रिया का अभ्यास अभिक्रिया को बार-बार लिखकर करना चाहिए।

एंटोनी लेवोशियर को रसायन विज्ञान का जनक कहा जाता है। रसायन विज्ञान की शाखाओं में कार्बनिक रसायन, अकार्बनिक रसायन, भौतिक रसायन एवं जीव रसायन प्रमुख हैं।

कार्बनिक यौगिक: प्राकृतिक में 10 लाख से भी ज्यादा कार्बनिक यौगिक पाये जाते हैं तथा इनकी हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका है। जैसे-यूरिया का प्रयोग कृषि क्षेत्र में उर्वरक के रूप में किया जाता है। ऐसीटिक अम्ल (CH₃COOH) सिरका इसे गन्ने के रस से प्राप्त किया जाता है। जिसका प्रयोग भोजन के साथ किया जाता है। यह स्वाद में खट्टा होता है।

कुछ ऐरौमैटिक मैटिक कार्बनिक यौगिक निम्नलिखित हैं।

अकार्बनिक रसायन (Inorganic Chemistry)

अकार्बनिक रसायन, रसायन विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत अकार्बनिक यौगिक, उपसहसंयोजक तथा कार्बधात्विक यौगिकों का अध्ययन किया जाता है, अकार्बनिक रसायन कहलाता है। अकार्बनिक यौगिक सामान्यत: प्राकृतिक से, भूमि से प्राप्त किये जाते हैं जैसे-खनिज पदार्थ, सल्फाइड, जिप्सम आदि। प्रथम निर्मित अकार्बनिक यौगिक अमोनियम नाइट्रेट है इसका निर्माण हैबर प्रक्रम के द्वारा किया गया था। अकार्बनिक यौगिक आयनिक होते हैं, अकार्बनिक रसायन में होने वाली रासायनिक अभिक्रिया उत्पे्ररक (जो अभिक्रिया की गति में वृद्धि या कमी करते हैं।) की उपस्थिति में पूर्ण होती है। उदाहरण के लिए V3O5 TiCl4 आदि। उत्प्रेरक की भाँति कार्य करते हैं।

अकार्बनिक रसायन के लिए महत्त्वपूर्ण बिन्दु

  1. तत्त्वों के आवर्ती वर्गीकरण की जानकारी: अकार्बनिक रसायन में तत्त्वों के आवर्ती वर्गीकरण अर्थात् आवर्त सारणी में उपस्थित तत्वों के आवर्ती गुणों की जानकारी होना आवश्यक है कि तत्व किस समूह आवर्त तथा ब्लॉक का तत्व है। मेण्डलीफ की दीर्घ आवर्त सारणी में तत्त्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते हुये क्रम में व्यवस्थित किया गया है। दीर्घ आवर्त सारणी में 18समूह, 7 आवर्त होते हैं इसमें लैन्थेनाइड्स व ऐक्टिनाइड्स को स्थान नहीं दिया गया है। दीर्घ आवर्त सारणी को तीन ब्लॉक sतथा ब्लॉक में विभाजित किया गया है।
  2. आवर्त सारणी में उपस्थित तत्वों की संख्या 118 है।
  3. तत्त्वों के संकरण तथा बन्ध के आधार पर उनकी संरचना का अध्ययन।
  4. तत्त्वों की संयोजकता व ऑक्सीकरण संख्या की जानकारी होनी चाहिए।
  5. उपसहसंयोजक रसायन: यह अकार्बनिक रसायन की मुख्य शाखा है जिसकी सहायता से यौगिकों के संकरण, ज्यामिति की जानकारी प्राप्त होती है। इस शाखा के अन्तर्गत सबसे पहले लीगेण्ड, धातु आयत्न उपसहसंयोजक परिसर तथा उन यौगिकों की संयोजकता का ज्ञान होना चाहिए।

भौतिक रसायन (Physical Chemistry)

रसायन विज्ञान की वह शाखा जो भौतिक अवधारणाओं के आधार पर रासायनिक प्रणालियों में घटित होने वाली परिघटनाओं की व्याख्या करती है, भौतिक रसायन कहलाती है। रसायन विज्ञान की इस शाखा में किसी रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप अभिक्रिया में भाग लेने वाले अणुओं का मात्रात्मक विश्लेषण किया जाता है। भौतिक रसायन में अभिक्रिया के फलस्वरूप होने वाले भौतिक परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। जैसे-अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारक व उत्पाद अणु किस अवस्था में उपस्थित है। भौतिक रसायन की सहायता से अभिक्रिया में हुए ऊर्जा परिवर्तन जैसे, एण्ट्रॉपी परिवर्तन, एन्थैल्पी परिवर्तन, गिब्स मुक्त ऊर्जा परिवर्तन तथा वातावरण में होने वाली स्वत: व अस्वत: परिवर्तित अभिक्रिया की जानकारी प्राप्त होती है। किसी अभिक्रिया के फलस्वरूप अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारक अणुओं की संख्या (आणविकता),अभिक्रिया की दर, अभिक्रिया की कोटि तथा अभिकारक अणुओं में होने वाली टक्कर सिद्धान्त की जानकारी भौतिक रसायन से प्राप्त होती है।
रसायन विज्ञान एक पिरामिड की तरह है जिसका शीर्ष मजबूत आधार के बिना ढह जायेगा। अत: एक मजबूत फाउण्डेशन बनायें।

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